Thursday, June 2, 2011

आई वॉना फ्रेंडशिप विद यू!



हाय! मेरा नाम सुजैना है, मैं कॉलेज में पढ़ती हूं ! क्या आप मुझसे दोस्ती करना चाहते हैं! मैं आपकी सारी प्रॉबलम्स दूर कर दूंगी! मेरा नंबर 981…… है ।

कई बार आपके फोन पर इस तरह के फ्रेंडशिप प्रपोजल आए होंगे । यहां तक कि बॉलीवुड हस्तियों ने भी आपको अपना नंबर दिया होगा, कभी प्रियंका चोपड़ा तो कभी कंगना राणावत ! और फ्रेंडशिप करने के लिए जब आपने फोन मिलाया होगा तो स्वीट आवाज में किसी लड़की ने आपसे बात की होगी और यहां शुरू हुआ होगा “फेक फ्रेंडशिप” का सिलसिला !

टेलीकॉम कंपनियों ने प्रतिस्पर्धा की होड़ में इस तरह की सर्विस भी शुरू की है । ये कंपनियां लड़कियों को नौकरी पर रख उन्हें एक नंबर मुहैया कराती है और क्लांइंट्स से दोस्ती करने की ट्रेनिंग देती हैं । अपनी व्यस्त दिनचर्या से तनावग्रस्त लोग जब इन्हें फोन मिलाते है तो उन्हें एक नया दोस्त मिलता है । लेकिन अनजाने में वह अपना ही नुकसान करते हैं क्योंकि इन नंबरों की कॉल दर सामान्य से अधिक होती है । फोन पर दोस्ती करने का दावा करने वाली ये लड़कियां अधिकतर दूसरे राज्यों की होती हैं । अपना खर्चा पूरा करने की आड़ में वह यह काम करती हैं । टेलीफोन कंपनियां बकायदा इनका फोन ट्रेस करती हैं और सारी बाते रेकॉर्ड करती हैं । फोन पर ये दोस्त अपना नाम गलत बताने के साथ-साथ घर का पता, ऑफिस का पता व निजी जानकारी सब कुछ गलत बताते हैं । यदि कोई इनसे मिलने की इच्छा जताए तो यह कोई भी बहाना बनाकर टाल देते हैं ।

फेक फ्रेंडशिप क्लब का धंधा कर ठगी के मामले भी सामने आ रहे हैं । हाल ही में दिल्ली पुलिस ने इसी तरह के एक फ्रेंडशिप क्लब व मसाज पार्लर पर छापा मार 20 महिलाओं समेत 25 लोगों को गिरफ्तार किया है । इन लोगों ने जनकपुरी में अपना कॉल सेंटर जैसा ऑफिस खोल रखा था जहां लड़कियां पुरूषों को बात करने के लिए अपने एकाउंट में रूपये जमा कराने को कहती थीं । 1000 रूपये रजिस्ट्रेशन फीस के जमा कराने के बाद क्लाइंट से पूछा जाता था कि वह किस श्रेणी की महिला से बात करने का इच्छुक है । पहली श्रेणी में मॉडल शामिल थी जिनसे बात करने के लिए 7000 रूपये, दूसरी श्रेणी में कॉलेज की लड़कियों से बात करने के लिए 5000 रूपये और तीसरी श्रेणी में गृहणियों से बात करने के लिए 3000 रूपये जमा कराने होते थे । जिन महिलाओं को गिरफ्तार किया गया वह सभी 19-24 वर्ष की आयु की थी । इन्होंने ‘हनीमुन नाइट्स फ्रेंडशिप क्लब’ के नाम से अखबार में विज्ञापन भी दिया था । पुलिस ने इनके पास से 2 लैपटॉप, 60 मोबाइल फोन और कॉल विवरण वाले 52 रजिस्टर जब्त किए हैं ।

फेक फ्रेंडशिप के नाम पर लोगों को लूटने में पुरूष भी पीछे नहीं है । एक पूर्व रिलेशनशिप मैनेजर, जिसका नाम जाफर हुसैन था, को दिल्ली पुलिस ने राधिका नाम की लड़की की शिकायत पर गिरफ्तार किया । उसने राधिका को घर छोड़ने के बहाने से उसका लैपटॉप, दो मोबाइल फोन और पर्स में पड़े रूपये लूट लिये । जांच के दौरान पाया गया कि हुसैन के फोन में कई लड़कियों के नंबर थे और वह फोन और इंटरनेट के जरिए दोस्ती करता था । उनके साथ फिल्म देखने के बहाने से वह बैग में से कीमती समान निकाल उसमें पत्थर रख देता था जिससे वजन में अंतर का पता न चले ।

फेक फ्रेंडशिप के नाम पर लोगों को लूटने की कई वारदातें सामने आ रही है । फोन पर मीठी-मीठी बातें कर उन्हें लूटने का धंधा खूब फलफूल रहा है । दोस्त नाम का मतलब उस व्यक्ति से होता है जो हर मुसीबत में आपके काम आए लेकिन फोन पर बनाए गए दोस्त तो खुद आपको मुसीबत में डाल देते है और फरार हो जाते है । अगली बार जब आपके पास दोस्ती के लिए फोन आए तो दोस्ती करने से पहले एक बार सोचिएगा जरूर!