Monday, October 17, 2011

चौथे स्तम्भ की नई पहल: मोबाइल पत्रकारिता



सूचना क्रांति के क्षेत्र में भारत तीव्र गति से विकास कर रहा है जिसका मीडिया पर भी व्यापक प्रभाव पड़ा है। भारतीय मीडिया ने अपना काम प्रिंट मीडिया से शुरू किया था जो धीरे-धीरे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की ओर बढ़ा। खबरों के प्रस्तुतिकरण का नवीन स्वरूप अब इंटरनेट पर भी मिलने लगा है, जिसे वेब पत्रकारिता का नाम दिया गया है। सूचना क्रांति का विस्तार इतनी तीव्रता के साथ अग्रसरित हुआ है कि वर्तमान समय में मीडिया ने वेब पत्रकारिता से बढ़ते हुए मोबाइल पत्रकारिता में अपना कदम रखा है।

मोबाइल के प्रयोगकर्ता आज दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं। दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अनुसार वर्ष 2010 तक कुल 58 करोड़ 43 लाख 20 हजार मोबाइल प्रयोग में थे, अनुमानतः इस संख्या में दिन प्रतिदिन वृद्धि ही हो रही है। भारत में मोबाइल का प्रचलन तेजी से होने का ही परिणाम है कि भारतीय पत्रकारिता में आज मोबाइल सूचना सम्प्रेषण का सबसे तीव्र माध्यम हो गया है। प्रतिस्पर्धा की होड़ में मोबाइल सेवा प्रदाता बहुत कम दामों पर अपने उपभोक्ताओं को इंटरनेट सेवा उपलब्ध करा रहे हैं। हाल ही में मोबाइल पर इंटरनेट का प्रयोग तेजी से बढ़ा है। इस सुविधा का लाभ लेकर मोबाइल प्रयोगकर्ता किसी भी समय इंटरनेट पर विभिन्न साइट्स के माध्यम से समाचार पढ़ सकते हैं।

इसके अलावा मोबाइल सेवा प्रदाता अपने उपभोक्ताओं को एसएमएस के जरिए भी समाचार पहुंचाते हैं। इसके लिए उन्होंने अलग से समाचार विभाग बनाया हुआ है जिसके माध्यम से समाचार सीधे प्रयोगकर्ताओं के मोबाइल में पहुंच जाता है। इस विभाग में मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों ने प्रशिक्षित पत्रकारों की नियुक्ति भी शुरू कर दी है। यही पत्रकार समाचार जुटाने का कार्य करते हैं। इसके अलावा यहां समाचार एजेन्सियों के माध्यम से भी समचारों का संकलन किया जाता है। मोबाइल पर समाचार उपलब्ध कराने के क्रम में सेवा प्रदाताओं ने एक बड़ी उपलब्धि भी हासिल की है। मोबाइल पर अभी तक अंग्रेजी भाषा में ही समाचार उपलब्ध कराया जाता था लेकिन भारत में अधिकतर हिन्दी भाषी लोग होने के कारण मोबाइल सेवा प्रदाता हिन्दी में भी समाचार मुहैया कराने का प्रयास कर रहे हैं।

मोबाइल पत्रकारिता के कारण पत्रकारिता के क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में आने वाले नवागंतुकों को रोजगार के लिए अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मोबाइल पत्रकारिता के विस्तार के साथ ही इस क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

सूचना क्रांति के विस्तार के साथ समाचार तेजी से पहुंचाने की होड़ भी बढ़ गई है। कोई भी घटना घटने का समाचार पलक झपकते ही लोगों तक पहुंच जाता है। ऐसे में सूचनाओं के यह नए साधन तीव्र गति से समाचार संप्रेषित कर रहे हैं। ब्रेकिंग न्यूजके दौर में समाचार ब्रेक करने का सबसे पहला साधन मोबाइल बन गया है। इसके माध्यम से ही सूचना पाकर इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया समाचार जुटाने का कार्य करते हैं। हालाकि इसके कुछ नुकसान भी हैं। समाचार सबसे पहले पहुंचाने की होड़ में कभी-कभी बिना तथ्यों की पुष्टि के ही समाचार संप्रेषित कर दिया जाता है और प्रयोगकर्ताओं के मोबाइल पर भ्रामक खबरें भी आ जाती हैं जिससे इन माध्यमों की विश्वसनीयता पर भी प्रश्न उठता है। पत्रकारिता की बुनियाद विश्वसनीयता ही है। माध्यम चाहे कोई भी हो, समाचार तथ्यों की पुष्टि करके ही संप्रेषित किया जाना चाहिए।

जनसंचार के इस नव-इलेक्ट्रॉनिक माध्यम की पहुंच उच्च वर्ग से लेकर निम्न वर्ग तक है। आज गांव-गांव तक मोबाइल फोन जा चुके हैं और दिन पर दिन इसका विस्तार हो रहा है। मोबाइल ऐसे क्षेत्रों में पहुंच चुका है जहां अभी तक जनसंचार के अन्य माध्यम जैसे समाचार-पत्र, टेलीविजन व रेडियो की पहुंच अपवादस्वरूप है। ऐसे में समाचार व नई जानकारियां पहुंचाने के लिए मोबाइल का महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है। इसके जरिए दूर-दराज क्षेत्रों में महत्वपूर्ण जानकारियां पहुंचाकर विकास की गति को तीव्र किया जा सकता है।

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